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केशव विद्यापीठ - एक दृष्टि में

ऋषियों की पवित्र धरा,ज्ञान की जननी भारत की पवित्र भूमि पर काल दर काल ज्ञान सरिताएँ प्रवहित होती रही हैं। गंगा की पवित्रता, यमुना जैसा चरित्र तथा सरस्वती की धवलता का संगम ही केशव विद्यापीठ है । यह ज्योतिर्मय संस्था ज्ञानामृत को भारतवर्ष को अर्पण कर विश्व मानवता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करने में अग्रणी है । जिस प्रकार रात्रि के तमस के पश्चात सूर्य किरणें प्रस्फुटित होकर सम्पूर्ण जगत को ज्योतिर्मय करती है एवं जीव जगत का सृजन एवं परिष्करण होता है । उसी प्रकार केशव विद्यापीठ राष्ट्र को परम वैभव की ओर ले जाते हुए एक सशक्त, स्वाभिमानी, समरसतापूर्ण समाज़ के रचनार्थ शिक्षा जगत के माध्यम से व्यक्ति निर्माण कर रहा है ।यहाँ संस्कारों एवं नैतिकता की सुगंध है, उत्कृष्ट विचार,परोपकार, राष्ट्रभक्ति की उत्कृष्ट भावना एवं सामाजिक समानता के सृजन भाव कण- कण में विद्यमान हैं । इस प्रखरित प्रकाश का उदय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य सरसंघचालक डॉ केशव राव बलिराम हेडगेवार जी की जन्मतिथि एवं वर्ष प्रतिप्रदा, चैत्र शुक्ला एकम वि. स. 2045 तदनुसार 19 मार्च, 1988 को जामडोली में हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सह सरकार्यवाह एवं प्रख्यात शिक्षाविद प्रो.राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया ) द्वारा 1 मई,1988 को इसका शिलान्यास हुआ।

श्री दीनदयाल शोध संस्थान दिल्ली के तत्कालीन अध्यक्ष तथा चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति माननीय श्री नानाजी देशमुख के द्वारा चैत्र शुक्ला वि. स. 2047 (रामनवमी )3 अप्रैल, 1990 के शुभ दिन इसका उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री भैरोंसिंह शेखावत जी ने की।

केशव विद्यापीठ का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना हैं । जो हमारी सर्वसिद्ध प्राचीन भारतीय पद्धति की पंचकोषात्माक व्यक्तित्व ( अत्रमय कोष , प्राणमय कोष , मनोमय कोष , ज्ञानमय कोष , आनन्दमय कोष ) की अवधारणा है ।

अध्यक्ष का सन्देश

प्रोफे. जे.पी सिंघल
अध्यक्ष,केशव विद्यापीठ समिति
पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्‍वविद्यालय जयपुर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आद्य सरसंचालक प.पू. डाॅ. केशवराव बलिराम हेडगेवार के जन्मशताब्दी वर्ष ....में समाज के कुछ वरिष्ठजनों ने केशव विद्यापीठ समिति की स्थापना की। समिति द्वारा देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्र भक्ति, समाज बोध, नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों से युक्त नागरिक बनाने के लिये कुछ शिक्षण संस्थान प्रारंभ करने का लक्ष्य तय किया गया। इस क्रम में शंकरलाल धानुका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर जामडोली समिति का प्रथम शिक्षण संस्थान है एवं केशव विद्यापीठ समिति की पहचान है। इसका शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें न केवल राजस्थान के विभिन्न जिले वरन् अन्य प्रान्तों के भैया कक्षा षष्ठी से लेकर द्वादशी तक पूर्ण आवासीय व्यवस्था में रहकर शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, राष्ट्रभक्ति, नैतिकता आदि के सद्संस्कार ग्रहण कर रहे है।


सचिव का सन्देश

श्री ओमप्रकाश गुप्ता
सचिव,केशव विद्यापीठ समिति
सेवानिवृत आर. ए. एस.

मानवता आज बुरे समय से गुजर रही है। वैज्ञानिक और तकनीकी का बढ़ता प्रभाव मानव के स्तर को मशीन के समक्ष कम कर रहा है। नैतिक और धार्मिक शिक्षाओं की अनदेखी हो रही है। सभ्यता के सिद्धान्तों की अवहेलना हो रही है। विचारों, तरीकों, आदतों में तालमेल न रखना वातावरण में ये सब व्याप्त है। पुराने के प्रति तिरस्कार आज के युग का चलन है। मानव विकास प्रक्रिया में समस्या वैश्विक स्तर पर अनुभव की गई है और आज विश्व पुनः सकारात्मक पहलू के साथ जीवन जीने की कला हिन्दू पद्धति के अनुसार खोज रहा है। अतः इस बात की आवश्कता आज पहले से भी मुखर हैं की हम अपनी पीढ़ी को अपनी संस्कृति के अनुरूप आचार विचारों से दीक्षित करे। केशव विद्यापीठ इसी आवश्कता को पूर्ति का एक उपकरण है जो नई पीढ़ी को भारत की भावी भूमिका के अनुसार अभी से गढ़ रहा है। यह यात्रा अनथक जारी रहेगी।

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